top of page

पंडित मितेश पांडेय ने कोरोना में दिवंगत हुए लोगो को श्रद्धांजलि अर्पित की

अपडेट करने की तारीख: 11 जून 2021

उज्जैन के प्रसिद्ध पंडित व् श्री गजानन अनुष्ठान केन्द्रम के संचालक पंडित मितेश पांडेय जी के आचारत्व में 21 विद्वतजन ब्राम्हण द्वारा भयावह कोरोना काल में भारत व् सम्पूर्ण विश्व में अनेकानेक मनुष्य जो कालकवलित होगये उनके आत्मा की शांति हेतु शांतिपाठ एवं मोक्षदायनी माँ शिप्रा का दुग्दाभिषेक कर सभी स्वर्गवासी जनो के लिए प्रार्थना कर व् वृक्षारोपण कर उनके संरक्षण पोषण का संकल्प किया गय।





कोरोना की दूसरी लहर से पुरे विश्व में हाहाकार मचा हुए है, जिसके कारण भारत सहित पूरे विश्वभर में लाखों लोगो को अपनी जान गवानी पड़ी। पंडित मितेश पांडेय जी उनसभी मृत लोगो को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी आत्मा की शांति के अपने शिष्यों सहित नरसिंघ घाटी उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर शांतिपाठ अनुष्ठान का आयोजन किया। इस शांतिपाठ अनुष्ठान में समूचे विश्व को कोरोना महामारी से निजात मिले व् इस वैश्विक महामारी का नाश हो, इसी उद्देश्य से शांतिपाठ किया गया। शांतिपाठ अनुष्ठान के बाद वृक्षरोपण किया गया व् उनके संरक्षण पोषण का भी संकल्प लिया गया। सरकार द्वारा निर्देशित सभी covid नियमों का पालन करते हुए इस अनुष्ठान को संपन्न किया गया है जिसके बाद सांइटिज़ेर व् मास्क वितरण का भी आयोजन हुआ।





पंडित मितेश पांडेय ने बताया की हमारे सनातन धर्मशास्त्र में जिस प्रकार जीवन पालन करने की व्यवस्था है उसी प्रकार मनुष्य के मृत्यु के पश्चात् मोक्ष के लिए उसके उत्तरकर्म की भी व्यवस्था बताई गयी है इसी निमित्त आज सम्पूर्ण विश्व कल्याण एवं महामारी के दौरान काल की गोद में समाये समस्त प्राणियों की आत्मा की शांति हेतु इस शांतिपाठ का आयोजन किया गया है।


पंडित मितेश पांडेय ने कार्यक्रम के अंत में मीडिया के माध्यम से सभी को कोविड-19 नियमों की पालना करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि ज्यादा जरूरी न हो तो घरों से न निकलें। भीड़भाड़ वाले स्थानों से दूर रहें। मास्क पहनने, बार बार हाथ धोएं, सैनिटाइजर का प्रयोग करें। दो गज दूरी नियम की पालना करें। कोरोना महामारी ने कई महत्वपूर्ण लोगों को छीन लिया है, जिन्होंने अभी तक समाज को विभिन्न तरह से अपनी सेवाएं देनी थी। यह सामाजिक विकास के लिए काफी नुकसान है।


इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उज्जैन नगर के सुप्रसिद्ध समाजसेवी पंडित विजय व्यास थे। इस दौरान पं मनीष व्यास, पं गोविन्द शुक्ल, पं सोनू पंड्या , हिमांशु शुक्ल, कृष्णा कौशिक, अंकित शुक्ल, रचित व्यास, विवेक भट्ट, एवं समस्त ब्राम्हण मंडली उपस्थित रही।

Comments


bottom of page